“ہم اپنے انداز سے سب کو مات دیتے ہیں، کسی کی نظر سے نہیں ڈرتے۔”
जी हां, अगर इसका गलत उपयोग किया जाए, तो यह युवाओं की मानसिकता को प्रभावित कर सकती है।
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना
क्योंकि कुत्तों के लश्कर से शेर कभी डरा नहीं करते !!
हमने तो जन्म ही कातिलो की बस्ती में लिया हैं..!!
लेकिन मैं धोखेबाज़ों को दोबारा मौका नहीं देता..!!
तेरे खामोश होंठों पर मोहब्बत गुनगुनाती है
“ہم اپنی محفل خود بناتے ہیں، دوسروں کی محفلوں سے ہمیں کوئی دلچسپی نہیں۔”
शेर पिंजरे में बंद ">click here हो तो जोकर कहलाता है
“ہم اپنی راہوں پر چلتے ہیں، دوسروں کی باتوں کی پرواہ نہیں کرتے۔”
असल में तो तुम्हारी औकात ही नहीं हमसे नजरें मिलाने की..!
बहुत संभल कर चलना है, इस रंग बदलती दुनिया में यहां, पलकों पर बैठाया जाता है, नजरों से गिराने के लिए!!
हम चले जाएंगे एक दिन कभी ना वापस आने को!
पगली तुम तो हाथ पकड़ने में भी शर्माती हो